Thursday, July 28, 2011

अकेले मैं बैठता हूँ तो सिसकता हूँ

इस सावन में


फिर देखने को नहीं मिले झूले


गीली मट्टी में कूदना


नहर के पानी में डुबकी लगाना


भैंस के साथ खेत में जाना


धान के पौधे रोपना


चिड़ियों से बाते करना


ये बचपन की हकीकत है


अब आफिस और घर के बीच रिक्शावान की तरह आता-जाता हूँ


रोज नहाता हूँ लेकिन मन नहीं भीगता


रोज छत पर जाता हूँ लेकिन चिड़िया नहीं मिलतीं


खेत दिखाते हैं लेकिन उनमे दौड़ लगाने में हिचकता हूँ


अकेले मैं बैठता हूँ तो सिसकता हूँ


-रोशन प्रेमयोगी

Friday, June 17, 2011

मुझे भी वोट देना

मेरा घर मनमोहन सिंह की मारुती कार से बड़ा है
मेरी बाइक राहुल गाँधी की बाइक से बड़ी है
मेरी पेन सोनिया गाँधी की पेन से कीमती है
मेरा लैपटॉप दिग्गी राजा के चश्मे से कीमती है
मेरा जूता शशि थरूर के घर से मजबूत है
मेरा गैस चूल्हा कपिल सिब्बल के गालों से ज्यादा चलता है
सो भाई,
अगले चुनाव में मैं भी प्रत्याशी हूँ
मुझे भी वोट देना
रोशन प्रेमयोगी

Friday, June 3, 2011

मेरा साहब

दुखों की कश्ती लेके आया था मेरा साहब
मैंने सागर में उसे पौढ़ा दिया
बहुत नाराज़ है मेरी ख़ुशी से अब मेरा साहब
दुःख की परिभाषा तलाश रहा है शब्दकोशों में
-रोशन प्रेमयोगी