देश भी सपने देखता है
देश के भी आँखें होती हैं
देश भी महत्वकांछाएं पालता है
देश में भी जीतने का जज्बा होता है
देश के भी सीने में दिल धड़कता है
देश भी खुश होने पर ठठाकर हँसता है
देश भी हारने पर दुखी होता है
यह सारे गुण और संवेदनाएं मुझे भारत में दिखती हैं
भारत एक नौजवान देश है
भारत के पास अपार प्रतिभाएं हैं
भारत एक मजबूत राष्ट्र है
भारत किसी हिमालय की तरह ऊँचा है
भारत किसी सागर की तरह गहरा है
भारत किसी भीम की तरह बलवान है
भारत किसी रावण की तरह बुद्धिमान है
भारत किसी महात्मा गाँधी की तरह सादगी पसंद है
भारत किसी राम मनोहर लोहिया की तरह अन्तोदय की सोचता है
भारत किसी तेंदुलकर की तरह महान है
भारत किसी विवेकानंद की तरह स्वप्नदर्शी है
लेकिन
भारत का नेतृत्व अतीत्जीवियों के हाथों में है
भारत लम्पट नेताओं को अपने कंधे से उतार नहीं पा रहा है
भारत संसद के इर्द-गिर्द फैली गन्दगी को साफ़ नहीं कर पा रहा है
सच और झूठ का घोल भांग की तरह पी रहा है राजनेता
चोरी करने पर वह जार-जार रोता है राष्ट्रभक्त होने का दावा करते हुए
इमानदारी दिखाने पर मूसक बन जाता है
मुझे कहना है भंग कर दो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को
इंडियन प्रिमिएर लीग को दे दो क्रिकेट की जिम्मेदारी
भंग कर दो राजनीतिक दलों को
एक बार लड़ने दो राजनितिक दलों के युवा संगठनों को चुनाव
फार्मेट करना जरूरी है नेतृत्व के कम्पूटर को
अन्न गोदामों में है लेकिन आम आदमी भूखा है
संसाधन अपार हैं
लेकिन लाखों युवा बेरोजगार हैं
शेयर बाज़ार के चढ़ने से क्या होता है मनमोहन सिंह जी
जब गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रही हरी सब्जी और
आयरन की गोली
बच्चों को नहीं मिल रहे खिलौने
और मुझे नहीं आ रही रात में नींद और दिन में चैन
सता रही है बिना जवान हुए
भारत के बूढ़े होने की चिंता
-रोशन प्रेमयोगी
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