रंग हैं प्यार में
इनकार में
स्वीकार में
रंग हैं फूलों में
नदियों में
वादियों में
रंग हैं दिनों में
रातों में
बातों में
सपनों में
अपनों में
रंग हैं रिश्तों में
फरिश्तों में
रंग हैं
बच्चों की मुठ्ठियों में
माँ की चिठ्ठियों में
प्रेमिका की गिट्टियों में
जन्मस्थान की मिट्टियों में
यह रंग तुममें है
तुम मुझे दो
मुझमें है
तुमको दूंगा
आओ गले मिलें
नए साल का स्वागत करें
-रोशन प्रेमयोगी
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