मेरे अरमान हैं मैं चाँद बनूँ तारे बनूँ
हरेक डाल फूलों से लदे महके फिजा
खुलें पगडंडियों पर माल, गुलज़ार हों चौपाल भी
बड़ा हो आसमान गरीबों का भी देश में
...मेरे अरमान हैं मैं बिजली बनूँ बाँध बनूँ
खिले सूरजमुखी गेहूं की बालियाँ झूमें
सब्जियां पहुंचे आदिवासियों की भी रसोई में
बुंदेलखंड को पानी मिले ओडिशा को अन्न
मेरे अरमान हैं खेतों में गिरुं बीज बनूँ
नहीं सुनतीं सरकारें अंग्रेज हैं आफिसों के बाबू
बहुत मजबूर है यह देश दंश सहते हुए
न्याय पाने को यहाँ बिकते हैं खेत, आबरू भी
मेरे अरमान हैं पञ्च बनूँ परमेश्वर बनूँ
निकलो साथियों आओ जला दें उम्मीदों की लौ
तुम सूरज बनो सुखा दो दुखों का सागर
थोड़ी रोशनी हो संसद के पिछवाड़े भी
मेरे अरमान हैं मैं चाँद बनूँ तारे बनूँ.
(मेरे क्योंकि मैं लोहिया हूँ उपन्यास का अंश)
-रोशन प्रेमयोगी
हरेक डाल फूलों से लदे महके फिजा
खुलें पगडंडियों पर माल, गुलज़ार हों चौपाल भी
बड़ा हो आसमान गरीबों का भी देश में
...मेरे अरमान हैं मैं बिजली बनूँ बाँध बनूँ
खिले सूरजमुखी गेहूं की बालियाँ झूमें
सब्जियां पहुंचे आदिवासियों की भी रसोई में
बुंदेलखंड को पानी मिले ओडिशा को अन्न
मेरे अरमान हैं खेतों में गिरुं बीज बनूँ
नहीं सुनतीं सरकारें अंग्रेज हैं आफिसों के बाबू
बहुत मजबूर है यह देश दंश सहते हुए
न्याय पाने को यहाँ बिकते हैं खेत, आबरू भी
मेरे अरमान हैं पञ्च बनूँ परमेश्वर बनूँ
निकलो साथियों आओ जला दें उम्मीदों की लौ
तुम सूरज बनो सुखा दो दुखों का सागर
थोड़ी रोशनी हो संसद के पिछवाड़े भी
मेरे अरमान हैं मैं चाँद बनूँ तारे बनूँ.
(मेरे क्योंकि मैं लोहिया हूँ उपन्यास का अंश)
-रोशन प्रेमयोगी
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