Monday, June 10, 2013

सब करना लेकिन आत्महत्या न करना



आज एक लड़की ने मुझे फोन किया. मेरे लेखन की तारीफ की. कुछ देर बाद फिर फोन आया. उसने बताया कि वह एक लडके से बहुत प्यार करती है. एक साल से लडके ने दूरी बनानी शुरू कर दी. उसने जोर दिया तो लडके के माता-पिता उसे देखने आये और नापसंद कर दिया. अब जिंदगी बेकाम लगाती है. आत्महत्या करना चाहती हूँ. मैंने लडके को फोन करके पूछा, कि जिसे तुम इतना प्यार करते थे. वह खराब कैसे हो गई, लडके ने कोई साफ़ जवाब नहीं दिया. लड़की ने बताया न वह लडके को भूल पा रही, और न जीने की नयी राह दिख रही. मैंने उसकी हावीज पूछी, पढाई में उसने बीए और एक प्रोफेशनल कोर्स किया है. मैंने उससे पूछा, इश्वर को मानती हो? उसने हाँ कहा. मैंने कहा, हो सकता है इश्वर ने तुम्हारी जोड़ी किसी और के साथ बनाई हो, तो उसका इंतजार करो, जिसने तुमको ठुकरा दिया, उसकी यादों के पीछे भागन मूर्खता है. अपने करियर पर ध्यान दो, और हाँ, आत्महत्या सपने में भी न करना. वह मान गई. मुझे फिर फोन करने के वादे के साथ.

-रोशन प्रेमयोगी

1 comment:

  1. बहुत अच्छा काम किया क्योंकि ये कुछ ऐसे नैराश्य के पल होते हैं , अगर उस समय व्यक्ति को सही काउंसिलिंग वाला मिल जाए तो अनहोनी को टाला जा सकता है .

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