मेरे सपनों का भारत
मेरी कविताएं और विचार
Saturday, January 16, 2010
तब भी जवान था प्यार
जब मैं बच्चा था
तब भी जवान था प्यार
जब मैं जवान हूँ
तब भी युवा है प्यार
जब मैं बूढा हो जाऊँगा
तब भी जवान रहेगा प्यार
मानव स्वभाव
झुंझलाता हूँ'
आखिर क्यों नहीं मेरे साथ
बूढा हो जाता
यह प्यार
-रोशन प्रेमयोगी
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